Thursday, April 28, 2011

प्रभु से एक प्रार्थना !

हे प्रभु मैं नादान हूँ, आपने मुझे पढ़ाना तो चाहा पर मैं मोह माया में उलझा रहा!
न समझ सका अपने कर्तव्यों को, मैं तो इस दुनिया दारी, उंच नीच में फंसा रहा !
कभी सोचा नहीं परलोक का, कभी डरा नहीं आपसे, मस्ती में अपनी खोया रहा !
भूल के अपने कर्तव्यों, भूल के आप की दया को मैं जग के रिश्तों में उलझा रहा !
जो सब यहीं से मिला यहीं रह जाना है उन्हें ही मैं मूर्ख संग्रह करने में लगा रहा !
मुझे नहीं पता क्यूँ बनाया आपने मुझे, क्या करना है मुझे, अपने में ही लगा रहा !
कुछ न लाया था, कुछ न ले जाऊंगा, नहीं जानता था, तभी तो मैं यूँ दौड़ता रहा !
सबसे भिड़ता, खुद से लड़ता, जुर्म करता पाप बढाता मैं अपनी धुन में चलता रहा !



हे दीनदयाल अब कुछ जानने लगा हूँ,
मैं भी आपको अब तो समझने लगा हूँ,
अपने कर्मो से भी मैं अब बचने लगा हूँ,
आपके फैसले से अब थोडा डरने लगा हूँ,
इन झूठे रिश्तों से मैं अब भागने लगा हूँ,
हे प्रभु, क्या करूँ अब ये मैं सोचने लगा हूँ,
मार्ग दिखाओ मुझे, कल्याण करो मेरा भी,
सच, आपके होने को मैं अब मानने लगा हूँ !

(प्रेरणा स्त्रोत: श्री सूफी दरवेश(@Sufi Darwesh) जी)

Sunday, April 24, 2011

अभिलाषा

हे प्रभु !
तुझमे ही मिल जाऊं मैं,
किसी के काम आऊं मैं,
कुछ भला कर पाऊं मैं,
किसी को कुछ दे पाऊं मैं,
बस इतनी सी है अभिलाषा मेरी,
है तुझसे मुझे उम्मीद ये होंगी पूरी,

हे दाता !
किसी का दर्द बाँट पाऊं मैं,
किसी को ख़ुशी दे पाऊं मैं,
किसी के मकसद में मदद कर पाऊं मैं,
किसी के जीवन में ख़ुशी ला पाऊं मैं,
बस इतनी सी है अभिलाषा मेरी,
है तुझसे मुझे उम्मीद ये होंगी पूरी,

हे नाथ !
किसी के मन में बस जाऊं मैं,
किसी का अपना बन जाऊं मैं,
काम कुछ देश के लिए कर जाऊं मैं,
जीवन ये अपना सफल कर जाऊं मैं,
बस इतनी सी है अभिलाषा मेरी,
है तुझसे मुझे उम्मीद ये होंगी पूरी,

हे प्रियवर !
सच्चा प्रेम समझ पाऊं मैं,
उन्हें भी कुछ दे पाऊं मैं,
उनके जीवन के सब दुःख अपनाऊं मैं,
अपनी हर एक ख़ुशी उनपे लुटाऊं मैं,
बस इतनी सी है अभिलाषा मेरी,
है तुझसे मुझे उम्मीद ये होंगी पूरी,

हे स्वामी !
चाहे कुछ भी न पाऊं मैं,
आपका ही हो जाऊं मैं,
आपका भक्त कहाऊं मैं,
आपका दास हो जाऊं मैं,
बस इतनी सी है अभिलाषा मेरी,
है तुझसे मुझे उम्मीद ये होंगी पूरी !

(Thanks to Sangeeta Ji for inspiration)

Thursday, April 21, 2011

दर्द



सिर्फ दिखता है तुम्हे अपने टूटे दिल का दर्द,
कभी देखो भूखे बेटे की माँ का दर्द,
दो वक़्त की रोटी के लिए बिकती नारी का दर्द,
दहेज़ की आग में बेवजह जलती दुल्हन का दर्द,
वर्षों से पति के इंतज़ार में बैठी विधवा का दर्द,

सिर्फ दिखता है तुम्हे अपने टूटे दिल का दर्द,
कभी देखो भूखे बेटे की माँ का दर्द,
बीमार बेटे के गरीब लाचार बाप का दर्द,
सूखे खेत ताकते गरीब किसान का दर्द,
चंद रुपयों के लिए बोझ ढोते बूढ़े का दर्द,

सिर्फ दिखता है तुम्हे अपने टूटे दिल का दर्द,
कभी देखो भूखे बेटे की माँ का दर्द,
भ्रष्टाचार में बिकते देश के जवान का दर्द,
भुखमरी से मर रहे गरीब परिवार का दर्द,
माँ बाप को खोजते अनाथ बच्चों का दर्द,

सिर्फ दिखता है तुम्हे अपने टूटे दिल का दर्द,
कभी देखो भूखे बेटे की माँ का दर्द,
सिर्फ दिखता है तुम्हे अपने टूटे दिल का दर्द !!!

Wednesday, April 20, 2011

सवाल ?


रह रह के उठते हैं ये सवाल,
पर मिलता नहीं कोई जवाब,

कैसी होगी वो मेरे बिन,
कैसे कटते होंगे उसके दिन,

कैसे बीतती होंगी उसकी रातें,
किससे करती होगी मेरी बातें,

कुछ और भी सवाल हैं,
मचा रहे जो बवाल हैं,

क्या हो गया था हमको,
क्यूँ पता चल गया था सबको,

क्यूँ बदल गया था अपना रिश्ता,
कहने लगे थे लोग अपना किस्सा,

क्या खता हो गई थी हमसे,
क्यूँ खफा हुई थी वो हमसे,

क्यूँ रोक नहीं पाए जाने से,
कैसे देखा जाते भीगी आँखों से,

क्या सब कुछ ठीक हो जायेगा,
क्या ये दिल फिर से मिल पायेगा,

कब मिलेगा दिल का सुकून,
कब होगा जीना का जूनून,

रह रह के उठते हैं ये सवाल,
कोई तो बताये इनका जवाब !

काश ऐसा हो जाये !

काश ऐसा हो जाये,
हर बम फूल बरसाए,
सब यहाँ दोस्त हो जायें,
दुश्मनी हम भूल जायें,
बम तो हम बरसाएं,
पर उसमें से फूल आयें,
देशों की सीमायें बड़ जायें,
सब मिले के एक हो जायें,
सारे धर्म कहीं खो जायें,
सिर्फ इंसानियत बच जाये,
हम सबके सब मेरे हो जायें,
दुश्मन भी दोस्त बन जायें,
दुनिया ये शांति का चमन हो जाये,
हर देश हर दिशा में अमन हो जाये,
हवा भी ये पैगाम लाये,
आओ सब मिल जायें,
हर दिन यहाँ होली आये,
सबको सबसे गले मिलवाए,
हर रात यहाँ दिए जलाएं,
चैन-ओ-अमन की दिवाली मनाएं,
मेरी कविता अपना असर लाये,
सबके मन में शांति आये,
जीना कितना आसाँ हो जाये,
काश ऐसा हो जाये !!!

Tuesday, April 19, 2011

हाथों की लकीरें !

कभी देखते हैं इन लकीरों को, कभी देखते हैं उन फकीरों को,
ढूँढते हैं हम अंतर लकीरों में, देखते हैं सिर्फ जिंदगियो में !
क्या मायने हैं इन लकीरों के, क्या ये आयने हैं गलतियों के,
सोचते हैं हम मंतर छुपे इनमे, देखते हैं सिर्फ अपने कर्मों में !

खींचते समय इन लकीरों को, खुदा ने भी क्या सोचा होगा,
इन तिरछी लकीरों में ही, शायद सबका भविष्य छिपा होगा !
देख तो सकेंगे अपने भविष्य को, फिर भी कुछ न पता होगा,
पर है सच बस इतना सा, सब अपने ही कर्मों का फल होगा !
याद दिलाती रहें खुदा की ये लकीरें ऐसा ही कोई संदेशा होगा,
पर इन लकीरों का विधाता, ये खुदा नहीं खुद इन्सां ही होगा !

भारत का बचपन !


ये देश भी बदलेगा,
बचपन भी सम्हलेगा,
हम भी कुछ कर जायेंगे,
देश के किसी काम आयेंगे.
सिर्फ बातों से न काम होगा,
करना शुरू कुछ ख़ास होगा,
यूँ भटक रहे बच्चों की,
सो रहे उन भूखे पेटों की,
लड़ रहे उन सैनिकों की,
रो रही उन माताओं की,
झूझ रही उन बहनों की,
क्रन्तिकारी वीरों की,
कुर्बानी खाली न जाएगी,
हमारी पहल बदलाव लाएगी ..




 



भारत विश्वगुरु था, है, और युगों युगों तक रहेगा...
भारत माता की जय !
वन्दे मातरम् !

Monday, April 18, 2011

मेरे बिना भी आप मुस्कुराएंगे

एक बार जो चले जायेंगे,
फिर वापस ना आ पाएंगे,
सोच लो, रोक लो, जाने से पहले,
जाकर फिर ना लौट पाएंगे,
तुम जो ना रहोगे जिंदगी में,
हम फिर कभी इश्क ना कर पाएंगे,
जी तो लेंगे इस जिंदगी को हम,
ख़ुशी से हम ना मुस्कुरा पाएंगे,
गर साथ रहेगे हम दोनों,
हर मुश्किलों से लड़ जायेंगे,
तेरे बिना हम जिंदगी के,
हर लम्हे से हार जायेंगे,
हमे यकीं है तुम पे,
जाने के बाद बहुत याद आयेंगे,
लबों तो मुस्कान होगी मेरे,
पर दिल में अश्क बहायेंगे,
हाँ इतना वादा रहा तुमसे,
फिर ना आयेंगे, ना रुलायेंगे,
ग़म सारे झेल जायेंगे,
क्या हुआ जो तन्हा रह जायेंगे,
बस इस बात का यकीं करा दो,
मेरे बिना भी आप मुस्कुराएंगे !!!

Friday, April 15, 2011

Dedicated to The World's Best Sisters...


तुम चलती थी मैं गिराता था,
मैं गिरता था तुम सम्हालती थी,
तुम हंसती थी मैं रुलाता था,
मैं रोता था तुम हँसाती थी,
अपनी गलतियों पे तुम्हे फँसाता था,
मेरी गलतियों को तुम छुपाती थी,
तुम जीतती थी मैं दुखी होता था,
मैं जीतता था तुम खुश होती थी,
तुम पढ़ती थी मैं न पढ़ने देता था,
मैं न पढता था तुम पढ़ाती थी,

मेरी ख़ुशी की ही चाह करती थी,
मेरे लिए ही दुआ करती थी,
कभी खुद का न सोचा करती थी,
हर पल मेरा ही भला करती थी,
तकियों से लड़ा करती थीं,
मुझसे झगडा करती थीं,
मेरा हर काम किया करती थीं,
क्या हुआ जो मारा भी करती थीं,
मुश्किलों में साथ होती थीं,
सही सलाह दिया करती थीं,
मुझे समझाया करती थीं,
उदास होने पे हंसाया करती थीं,
मेरा बहुत ध्यान रखती थीं,
पहले गुस्सा दिलाया करतीं थीं,
फिर खुद ही मनाया करतीं थीं,
बहुत ही काम कराती थीं,
घूमने भी तो ले जाती थीं,

बस इतना ही कह सकता हूँ :
मुझसे बहुत प्यार करती हैं,
मेरा बहुत ख्याल करती हैं,
सोचा था साथ रहेंगी मेरी दीदी,
पर पापा ने उनकी शादी कर दी,
मैंने जो भी चाहा तुमसे है पाया,
कभी तुम्हे कुछ भी न दे पाया !


Dedicated to The World's Best
Sisters...

Badi Didi and Choti Didi..!
I Love You Didi!

Thursday, April 14, 2011

इश्क या शायरी

मैंने तो इश्क लिखा था, ना जाने इसे शायरी क्यूँ कहते हैं,
मैंने तो मोहब्बत की थी, ना जाने इसे दर्द क्यूँ समझते हैं !

रो रहे थे वो भी, रो रहे थे हम भी,
ज़माने को दिखाने हँस रहे थे तब भी,
ग़म उनको भी था, ग़म हमको भी,
न कह रहे थे वो ही, न कहे हम ही !

कोशिश तो बहुत की सब ठीक करने की, समय ने साथ न दिया,
जिस पे करते रहे सबसे अधिक ऐतबार, उसने भी हाथ न दिया !

वो बेवफा कैसे हो सकते हैं, जो मुझसे मोहब्बत किये ही नहीं,
क्या हुआ जो आज दूर हैं, हम कभी दिल से दूर किये ही नहीं !

क्या हुआ जो मैं पत्थर बन गया हूँ,
कभी मैं भी इंसान हुआ करता था,
अब दंगे में सर फोड़ने काम आता हूँ,
कभी मैं भी महलों में लगा करता था !

वो बगीचा ही क्या जिसमे फूल ना खिलें,
वो सपना ही कहाँ जिसमे सनम से ना मिलें !

जिन हवाओं में उड़ा करते थे कभी हम,
उसके भी मिजाज़ कुछ बदले से लगते हैं,
रोता मुझे देख, हँस के कहती है ये मुझसे,
सनम से तुम्हारे हम मिल तो सकते हैं !!!

I'm everything I am, Because you loved me!

I have not written this poem, but every word of this poem is from heart, I want to say to you...
Courtesy: Sanjay Jha Ji, and Celine Dion.
Thanks a ton to them !

Dedicated to P...

For all those times you stood by me
For all the truth that you made me see
For all the joy you brought to my life
For all the wrong that you made right
For every dream you made come true
For all the love I found in you
I'll be forever thankful, baby
You're the one who held me up
Never let me fall
You're the one who saw me through, through it all

You were my strength when I was weak
You were my voice when I couldn't speak
You were my eyes when I couldn't see
You saw the best there was in me
Lifted me up when I couldn't reach
You gave me faith 'cause you believed
I'm everything I am
Because you loved me

You gave me wings and made me fly
You touched my hand, I could touch the sky
I lost my faith, you gave it back to me
You said no star was out of reach
You stood by me and I stood tall
I had your love, I had it all
I'm grateful for each day you gave me
Maybe I don't know that much
But I know this much is true
I was blessed because I was loved by you

You were my strength when I was weak
You were my voice when I couldn't speak
You were my eyes when I couldn't see
You saw the best there was in me
Lifted me up when I couldn't reach
You gave me faith 'cause you believed
I'm everything I am
Because you loved me

You were always there for me
The tender wind that carried me
A light in the dark shining your love into my life
You've been my inspiration
Through the lies you were the truth
My world is a better place because of you

You were my strength when I was weak
You were my voice when I couldn't speak
You were my eyes when I couldn't see
You saw the best there was in me
Lifted me up when I couldn't reach
You gave me faith 'cause you believed
I'm everything I am
Because you loved me

You were my strength when I was weak
You were my voice when I couldn't speak
You were my eyes when I couldn't see
You saw the best there was in me
Lifted me up when I couldn't reach
You gave me faith 'cause you believed
I'm everything I am
Because you loved me

I'm everything I am
Because you loved me

(Please Respect The Courtesy)

जिंदगी

जीना सीखा दे वो किताब है जिंदगी,
हर पल नए एहसास का एहसास है जिंदगी,
हर एक दर्द में भी ख़ुशी का आभास है जिंदगी,
फूलों से महकते चमन का नाम है जिंदगी,
इन्द्रधनुष सी रंगीन शाम है जिंदगी,
भरे पैमाने से बहती जाम है जिंदगी,
जीने को ख़ास कहने को आम है जिंदगी,
किस्मत से मिले वो इनाम है जिंदगी,
कुछ कर दिखने का ठिकाना है जिंदगी,
मिली है तो जी के है दिखाना है जिंदगी,
आप ही से हसीं ये  जिंदगी,
आप ही के लिए है जिंदगी ...

सोचा न था...

सब कुछ यूँ बदला जायेगा,
हाथ से मेरे निकल जायेगा,
भीड़ में दुनिया की खो जाऊंगा,
मैं इतना अकेला हो जाऊंगा,
सब कुछ सूना सा दिखने लगेगा,
हर पल बेगाना सा लगने लगेगा,
जो अपना है वो भी छोड़ जायेगा,
जिंदगी मेरी भी साथ ले जायेगा,
मुस्कुराना भी मुश्किल होगा,
झूठ से भी मेरा रिश्ता होगा,
महफिलें तन्हा सी लगेंगीं,
तन्हाई भी अच्छी लगेगी,
यादों का ही सहारा होगा,
जीना भी न गवारा होगा,
किसी के न काम आऊंगा,
खुद का भी न रह पाउँगा,
रिश्तों से यूँ भागूँगा,
कुछ करने से यूँ डरूंगा,
सब कुछ ख़तम हो जायेगा,
ऐसा भी कोई मोड़ आएगा,
उनका ही होके रह जाऊंगा,
जिनसे न कभी मिल पाउँगा,
सच तो मुझे पता होगा,
फिर भी न यकीं होगा,
उम्मीदें मरना चाहेंगी,
यादें भी थक जाएँगी,
थक के हार जाऊंगा,
सोच के ही डर जाऊंगा,
मैं इतना बदल जाऊंगा,
खुद को न पहचान पाउँगा,
सोचा न था, कभी सोचा न था...

Monday, April 11, 2011

जो हुआ अच्छा हुआ...

कुछ भी यूँ अचानक न हुआ,
सब कुछ था सोचा समझा हुआ,
देख रहा था सब अपनी आँखों से,
पर था बहुत डरा और सहमा हुआ,
कोशिश की थी मैंने समझने की,
पर था सब कुछ बहुत उलझा हुआ,
सुलझाने आये लोग सब अपने,
कोई भी न रहा था छुटा हुआ,
सबने कोशिश की अपनी तरफ से,
मैं भी था पूरी तरह लगा हुआ,
इक वो ही थे बेफिक्र से खोये हुए,
जैसा बादल बरसा हो सूखा हुआ,
समझ रहे थे वो भी की कुछ बात है,
पर दिखा रहे थे जैसे कुछ भी न हुआ,
हँस तो हम भी रहे थे ऊपर से,
पर दिल तो था अपना भी टूटा हुआ,
सब कहते थे आ आ के मुझसे,
तेरे साथ जो हुआ अच्छा न हुआ,
मैं खुद को समझा रहा हूँ अब,
क्या हुआ जो इतना कुछ हुआ,
आज भी मिल जायें तो कहूँगा,
कोई बात नहीं जो हुआ अच्छा हुआ...

Saturday, April 9, 2011

कसूर

कसूर न ही उनका है, कसूर न ही मेरा है,
हम उनकी आज़ादी नहीं समझे, वो मेरे गुलामी नहीं समझे,
कसूर न उनके दिल का है, कसूर न मेरी आँखों का है,
हम उनके दिल को नहीं समझे, वो मेरे आंसू नहीं समझे,
कसूर न उनकी चुप्पी का है, कसूर न ही मेरी आवाज़ का है,
हम उनकी ख़ामोशी नहीं समझे, वो मेरे लफ्ज़ नहीं समझे,
कसूर न मुलाकातों का है, कसूर न उन रातों का है,
हम उनकी महफ़िल नहीं समझे, वो मेरी तन्हाई नहीं समझे,
कसूर न उनके इस अंदाज़ का है, कसूर न मेरी सादगी का है,
हम उनके इनकार को नहीं समझे, वो मेरे ऐतबार को नहीं समझे,
कसूर न ही उनका है, कसूर न ही मेरा है,
हम खुद को काबिल नहीं समझे, वो मेरे प्यार को नहीं समझे !


सुझावों का खुले दिल से स्वागत है !

Thursday, April 7, 2011

प्यार वो भी हैं करते, और प्यार हम भी हैं करते !

क्या हुआ जो वो मुझे याद नहीं करते,
हम भी तो उन्हें भूल नहीं पाते,

क्या हुआ जो वो मेरे प्यार पे ऐतबार नहीं करते,
हम भी तो खुल के इज़हार नहीं करते,

क्या हुआ जो वो मेरे प्यार को नहीं समझते,
हम भी तो उन्हें समझा नहीं पाते,

क्या हुआ जो वो मेरा इंतज़ार नहीं करते,
हम भी तो उन्हें खुद से अलग कर नहीं पाते !

और क्या हुआ जो वो मुझसे वफ़ा कर नहीं पाते,
हम भी तो उनसे बेवफाई कर नहीं सकते !!!



जुदा वो भी नहीं होते, जुदा हम भी नहीं होते,
कहा वो भी नहीं करते, कहा हम भी नहीं करते,
भूला वो भी नहीं करते, भूला हम भी नहीं करते,
पर प्यार वो भी हैं करते, और प्यार हम भी हैं करते,
बस पहल वो भी नहीं करते, और न पहल हम ही करते !

शायद

उनकी याद में पल पल मरता रहता हूँ,
वो भी मुझे कभी याद करती तो होगी!

तड़पते रहते हैं उनके बिन दिन रात,
वो भी कभी आहें भरती तो होगी!

कहना चाहते हैं बहुत कुछ हम भी,
वो भी कुछ सुनना चाहती तो होगी !

आता नहीं है हमे प्यार करना,
इस बात को वो भी समझती तो होगी!

ज़माना तो बस वाह वाह करता है,
पर दर्द मेरा वो तो समझती होगी !

एक निवेदन है:

अगर आप इसे पसंद कर रहे हैं तो
वाह वाह या तारीफ़ के कोई शब्द बोल न लिखें,
कर सकते हैं तो उनकी ख़ुशी दुआ करें !!!
मैं आपका आभारी हूँ, और तहे दिल से शुक्रिया !

मुझे मंजिल कि चाह नहीं, अगर राह में साथ तेरा हो !


मेरा उनसे दिल लगाना, ज़माने को गलत लगा,
खुद का एक यही फैसला, तो मुझे सच्चा लगा !!!

वो हमे चाहे ये तो हम कभी ना चाहे,
हम उनको ही चाहे बस यही तो चाहे !


चाह के भी तुझे चाह नहीं सकते, 
और बिना चाहे हम रह नहीं सकते !

न नींद आती है रात में, न आँख खुलती है सुबह में,
जाने कब मिलेंगे तुमसे यही सोच जिंदगी गुज़रती है!

उनके घर को रोशन करने के लिए हम अश्क बहाते रहे,
दिये बुझ न जायें कहीं, ये सोच के वो हमें और रुलाते रहे !!!

चैन जब अब तक नहीं तो चैन तब भी न होगा,
इक बार मिल लेने से दिल को तो सुकून होगा !

आज मुझे भी लोग जानते हैं, आज मुझे भी कुछ लोग चाहते हैं,
शायद सबको मालूम हो गया कि हम भी सनम के आशिक हैं !

मैं बस और बस दीवाना हूँ, चाहता रहूँगा,
मोहब्बत जताने का हुनर मुझमे नहीं,
दर्द से प्यार ऐसा हो गया है मुझे,
किसी की ख़ुशी चुराने का हुनर मुझमे नहीं,
जी रहा हूँ जीने ले लिए,
क्यूँ कि मरने का हुनर मुझे में नहीं !
मैं बस दिल की बात लिख देता हूँ,
महफिलें सजाने का हुनर मुझे में नहीं,

Saturday, April 2, 2011

एक सुबह ऐसी भी हो


एक सुबह ऐसी भी हो,
जिससे मिलते हैं सपने में,
पास मेरे वो खड़ी हो,
होठों पे मुस्कान हो,
हाथों में हाथ भी हो,
नज़रों से नज़रें मिलीं हों,
फिर नज़रें झुकी भी हों,
जब देखे वो मुझे,
जैसे जन्नत मिली हो,
कुछ भी न बात हो,
ख़ामोशी का ही साथ हो,
दिल से दिल भी मिले हों,
जैसे बरसों से बिछड़े हों,
फूलों की बरसात हो,
सनम का जो साथ हो,
देखे धरती और आसमाँ,
ऐसा ये मिलन हो,
सारा जहाँ सुबूत हो,
कहीं ये भी न ख्वाब हो,
एक सुबह ऐसी भी हो,
सामने मेरे वो खड़ी हो !
No Copyright © if being used for love...