Sunday, December 9, 2012

रखना इतना यकीन

गम में मेरे जब तेरी शरारती गुमसुम आँखें भीगेंगी,
मुझे याद करने से जब दिल तेरा कुछ भारी होगा,
तुझे याद आएगा जब हमारा साथ में खिलखिलाना,
रखना इतना यकीन, मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही होगा !

कभी जो तुम्हे लगे की काश हम साथ होते,
सोचो जो कि  काश एक दूजे के बहुत पास होते,
जब मन हो थामने का मेरा हाथ उसी एहसास से,
रखना इतना यकीन, मैं भी लौटना चाहता हूँ...
-अनुराग

Monday, December 3, 2012

सपनों का वो बाग़...

आती है तेरी याद,
ये आंसू साथ चले आते हैं,
क्यूँ रोक नहीं लिया तुझे जाने से,
क्यूँ मना नहीं पाया तुझे रूठने पे,
कितने सवाल मन में उठते हैं, बुझते हैं,
क्या अब तुम इतनी दूर हो गयी कि,
पढ़ नहीं सकता मैं मन को तुम्हारे,
और आँखों में भी नही देख सकता खुद को,
हो गया हूँ या फिर स्वार्थी मैं,
बिन मेरे भी तुम खुश हो सकती हैं,
सीधी सी बात दिल मान क्यूँ नहीं लेता,
डर लगता है, कहीं तू उदास हुई मुझे लेकर,
और मैं न हुआ करीब तेरे उस  वक़्त तो,
तो? तो क्या हुआ
वैसे भी कौन से सारे वादे निभाए ही हैं मैंने,
प्रिये बस एक ही बात है इन सब के पीछे,
कितने ही तूफ़ान आये दिल में,
पर अपने सपनों का वो बाग़,
आज भी बचा है, ज्यों का त्यों,
तेरी राह देखता,
फूल कहते हैं उस बाग़ के,
तुम आओगी तब ही वो खिलेंगे,
तुम आओगी तो ही बसंत होगा,
तब तक हम पतझड़ में जियेंगे,
तुम आओगी न? अपने बागीचे के लिए ?
-अनुराग

Sunday, December 2, 2012

kuch maangta hun tujhse...

Tune dikhayi thi mujhko zindagi,
main tujhse wahi zindagi mangta hun,
ehsaas toone hi karaya tha Pyaar ka,
main fir wahi Pyaar mangta hun.

tere sath harlamhe me hoti thi khushiyaan,
main aaj tujhse wahi sath mangta hun,
gam me mere gili hoti thin teri aankhein,
aaj meri muskaan ki wahi wajah mangta hun.

jis raat jage the hum...

tujhe pal bhar na laga door jane me,
ham yahan dooriyan mitate rah gaye...

Jab hona hi tha tujhe juda mujhse,
fir in yaadon ko kyun khula chhoda...

tujhe lagta hoga sukoon-o-chain hoga,
tujhe kya pata main kab soya kab jaga...

tune aah bhi na bhari aur kar diya alag,
hum sisak ke roye bhi to kya parwaah...

mere sapnon se banti bigadti hai teri dosti,
tujhe pata nahi ubra hi nahi pichale dard se...

mere aashiyane me saji hai teri hi tasveer,
kya to dekhoon deewar kya dekhoon aayna...

dil-o-dimag me basi hai tu kuch is tarah,
tujhe hi yaad kar hansta hun rota hun...

tu hai to nahi sath har waqt,
par bin tere bhi kuch nahi hai...

kaise karoon yakeen ki tu meri nahi hai,
tune bhi to mujhe ab tak nahi bhulaya...

main to maan loon ki teri hansi me khushi hai,
par tune hi to kaha tha mere ban sab jhooth hai...

kyun koi kisi ki parwaah karega,
par koi kisi ke dil me sada rahega...

maaf karna teri baat nahi maani,
tu bhi to rokne se nahi ruki...
-anurag

छोटी छोटी बातें...

तमन्नायें तो यूँ बहुत करते हैं हम,
हर तमन्ना तुझसे ही जुड़ी है मगर...

गर होता दुआओं में मेरी इतना असर,
मिल गयी होती मोहब्बत या भूल ही जाता मैं...

हाय, फिर लगा की दिल धड़का,
फिर लगा की आँखों में ख्वाब बचे हैं,
फिर लगा की जिन्दा हूँ मैं,
आज फिर तेरी याद आयी...

क्यूँ सरक नहीं जाती वो एक बूँद आँखों से,
दिल के दर्द और चेहरे की मुस्कान में फंसी है जो...
-अनुराग

...याद मेरी आती तो होगी

याद करता हूँ जैसे हर सांस,
तुझको भी किसी पल याद मेरी आती तो होगी,

साथ बुनी कुछ यादें और बातें,
तन्हाई के उस पल में तुझको भी सताती तो होगी,

होती होंगी बातें करने को हजार जब,
मान के मुझको सामने खुद से ही बताती तो होगी,

यूँ तो बहुत खुश होगी दूर मुझसे,

फिर भी लौट के करीब आना चाहती तो होगी,

देखता हूँ जिन्हें ख्वाबों में, लिखता हूँ जिन्हें पन्नों पे,
उन लम्हों का सपना तुम भी अपने मन के आशियाने में सजाती तो होगी...
-अनुराग