Tuesday, April 19, 2011

भारत का बचपन !


ये देश भी बदलेगा,
बचपन भी सम्हलेगा,
हम भी कुछ कर जायेंगे,
देश के किसी काम आयेंगे.
सिर्फ बातों से न काम होगा,
करना शुरू कुछ ख़ास होगा,
यूँ भटक रहे बच्चों की,
सो रहे उन भूखे पेटों की,
लड़ रहे उन सैनिकों की,
रो रही उन माताओं की,
झूझ रही उन बहनों की,
क्रन्तिकारी वीरों की,
कुर्बानी खाली न जाएगी,
हमारी पहल बदलाव लाएगी ..




 



भारत विश्वगुरु था, है, और युगों युगों तक रहेगा...
भारत माता की जय !
वन्दे मातरम् !

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