Friday, May 27, 2011

कुछ नहीं... बस ऐसे ही !

करने को कुछ नहीं, कहने को भी लफ्ज़ नहीं,
यादों का मौसम है, पर आँखें मेरी नम नहीं !

सोने का मन नहीं, रोने की भी इज़ाज़त नहीं,
चोट तो लगी है, पर इस ज़ख्म की मरहम नहीं,

पास मेरे कोई नहीं, आने की भी उम्मीद नहीं,
साथ तेरा याद है, पर अब और कोई भ्रम नहीं,

गलती मेरी कोई नहीं, तुमने भी गुस्ताखी की नहीं,
समय का फेर है, पर माफ़ी के लिए भी दम नहीं,

कुछ पाने की थी चाह नहीं, तुम भी मिले नहीं,
अब तो हम अलग हैं, पर खुशियाँ तेरी कम नहीं,

साथ अब तुम नहीं, खुशियाँ भी अब पास नहीं,
बेशक गम हैं, पर इन ग़मों का भी गम नहीं,

सब कुछ मिलता नहीं, खुदा नाइंसाफ भी नहीं,
सही ही हुआ होगा, पर ऐसे भी मेरे करम नहीं,

तुमसे कोई गिला नहीं, खुद से भी कुछ मिला नहीं,
यकीनन दर्द तुझे दिया है, पर इतने ज़ालिम हम नहीं,

ये दिल पागल दिल मेरा....

कभी मिल पाएंगे तुमसे, बस ये ही सोचता रहता है,
सोच सोच तेरे बारे में ये दिल मेरा मरने लगा है,

गम की ऐसी आदत पड़ी है मेरे इस पागल दिल को,
गम ही ठीक है, छोटी सी ख़ुशी से भी डरने लगा है,

रात रात भर जगा करते हैं तेरी बातें याद करके,
कहीं तुझे याद न आ जाऊं, यादों से भगने लगा है,

मेरी नादानियों की ऐसी सजा मिली है मुझको,
अब तो दिल कुछ अच्छा करने से भी बचने लगा है,

पहले तो तू थी बस दिल-ओ-दिमाग में हर वक़्त,
अब तो जिंदगी में भी बस तुझे ही ढूँढने लगा है,

जानता तो है की हर सपने सच नहीं हुआ करते,
फिर भी हर सपने में तुझे ही देखने लगा है,

कभी गुरूर में ही रहता था मैं तेरे साथ होने के,
अब तो ये दिल खुद से भी नज़रें चुराने लगा है,

बस प्यार करना ही चाहते थे तुझको, पाना तो नहीं,
तेरे जाने के बाद तो और भी प्यार करने लगा है,

कोई परीक्षा ही ले रही होगी तुम मेरी वफ़ा की,
दिन रात बस पास होने का इंतज़ार करने लगा है,

जो लिखने बैठा है तेरी बातें, शुरू जब करता है,
समय के साथ साथ खुद को भी भूलने लगा है,

पल पल तेरी याद में आंसू बहाता रहता है आज कल,
आ जाओ वापस अब तो आंसू भी रोने लगा है !!!

Monday, May 23, 2011

हर सुबह एक उम्मीद होती है,


हर सुबह एक उम्मीद होती है,
जो तुझसे ही जुडी होती है,

आज तो तुम्हे मेरी याद आएगी,
आज तो अपनी बात हो जायेगी,
दूरी हमारे बीच की मिट जायेगी,
हर सुबह एक उम्मीद होती है,
जो तुझसे ही जुडी होती है,

आज तुम्हे अपना प्यार याद आएगा,
आज संदेशा मुझे तुम्हारा मिल पायेगा,
सब कुछ एक बार फिर सुधर जाएगा,
हर सुबह एक उम्मीद होती है,
जो तुझसे ही जुडी होती है,

आज शायद तुम्हे मेरी चिंता होगी,
आज तुमने मेरे लिए दुआ की होगी,
आज मेरी मोहब्बत मेरे साथ होगी,
हर सुबह एक उम्मीद होती है,
जो तुझसे ही जुडी होती है !

Friday, May 20, 2011

जरूर कोई बात होगी...


इक हवा से तो नहीं बिखरा हूँगा मैं, जरूर कोई आंधी ही होगी,
इक कोशिश से ही तो नहीं हारा हूँगा, कई कोशिश तो की होगी,
इक छोटी सी बात से नहीं टूटा हूँगा मैं, जरूर कोई बात होगी,
इक गम से ही न उदास हूँगा मैं, जरूर ग़मों की बरसात हुई होगी,
ऐसे ही किसी सपने से नहीं डरा हूँगा मैं, जरूर अँधेरी रात होगी,
ऐसे ही न रातों का जगा हूँगा, नींदों की जगह किसी ने ले होगी,
जान कर तुझे न रुलाया हूँगा, मेरी भी कुछ मजबूरी होगी,
जान कर न नाराज किया हूँगा मैं, मेरी नादानी रही होगी,
यूँही जुदा न हुआ हूँगा तुझसे, चाहत में मेरी कमी रही होगी,
यूँही तुझपे न फ़िदा हुआ हूँगा मैं, जरूर तुझमे वो बात होगी !!!

Wednesday, May 18, 2011

हम तो कुछ कर पाए नहीं...

रुला के किसी को हम हँस पाए नहीं,
रोटी छीन किसी की हम खा पाए नहीं,
भलाई करके हम कभी पछताए नहीं,
शायद काम किसी के हम आ पाए नहीं !

ज़माने भर के एहसानों को चुका पाए नहीं,
दोस्ती तो की हमने पर निभा पाए नहीं,
गम तो बाँट दिए ख़ुशी कोई दे पाए नहीं,
ख़ुशी के बदले गम किसी का ले पाए नहीं !

इश्क तो किया पर कह हम पाए नहीं,
चाह कर भी प्यार हम दे पाए नहीं,
कोशिश तो की पर तुझे भुला पाए नहीं,
खुद को खोकर वापस हम ढूंढ पाए नहीं !

टूट कर जो बिखरे फिर जुड़ पाए नहीं,
आयना में भी हम खुद को देख पाए नहीं,
आँखें तो भीग गयीं पर हम रो पाए नहीं,
थक कर भी रातों को हम सो पाए नहीं !

झूठे नहीं हैं हम पर सच लिख पाए नहीं,
अपनों की चिंता में सच हम कह पाए नहीं,
मन की बात हम अपनी लिख पाए नहीं,
दिल की जुबान से कुछ कह पाए नहीं !

Tuesday, May 17, 2011

The Love that was never meant to be...

The love that was never meant to be
A serene summer night.
The moon acting as the lovers' light.
Two of them sitting side by side.
Gazing out at the star-lit sky.

She:
I looked into his eyes.
And willed myself not to cry.
I know he loves me with all his heart.
But yet today,we must part.
Then I reached out for his hand.
To let him know that I understand.
We were lovers not meant to be.
Though my love for him will never cease.

He:
She's so beautiful and so delicate.
It just breaks my heart to see her hurt.
I could feel her pain when she touched my hand.
How I wish I could always be her man...

She:
He told me that everything would be fine.
but we both knew that it was just a lie.
For when light breaks as the sun rise,
It will be time to say goodbye.


He:
I looked into her beautiful eyes for one last time.
They looked soulful instead of their usual shine.
Then I bid her farewell,in the usual way we do.
Giving her a kiss,and saying,"I love you too.."

She:
I could still feel his lingering kiss on my lips.
It was then that I felt a tear slowly slip.
Cause I knew that there wont ever be a you and me.
For this was a love not meant to be.

Anonymous.
(Special Thanks to Nassim Nzige Jaffer !)

Monday, May 16, 2011

कुछ सुकून है !


कुछ तेरे याद से सुकून है, कुछ तेरी बात में सुकून है,
कुछ तेरे बाद से सुकून है, कुछ तेरे साथ से सुकून है,
कुछ तेरे ख्वाब से सुकून है, कुछ तेरी मुलाकात से सुकून है,
कुछ तेरे प्यार से सुकून है, कुछ तेरी रुसवाई से सुकून है,
कुछ तेरे यार से सुकून है, कुछ तेरी इनकार से सुकून है,
कुछ तेरे आंसू से सुकून है, कुछ तेरी मुस्कान से सुकून है,
कुछ तेरे आने से सुकून है, कुछ तेरे जाने से सुकून है,
कुछ तेरे होने से सुकून है, कुछ तेरे बिछड़ने का सुकून है,
बस खुद के गम का सुकून है, और अपने रोने से सुकून है !

Saturday, May 14, 2011

जन्मदिन की बधाई !

Dedicate to my Cutest Friend !
ख़ुशी का दिन आज है आया,
मन में मेरे एक विचार आया,
जन्मदिन की आपको बधाई दूँ,
पर बधाई के साथ और क्या दूँ,
सोचा कुछ भी नहीं रहता साथ है,
सब है जो प्रभु का सर पे हाथ है,
मैं भी प्रभु से कुछ प्रार्थना कर दूँ,
जीवन आपका और सुन्दर कर दूँ,
हे प्रभु, मित्र को मेरे खुश रखना,
जिंदगी में इनकी खुशियाँ रखना,
दुःख और गम से इन्हें दूर रखना,
सारे अपनों को इनके करीब रखना,
इनकी चाहतों को हे ईश्वर, पूरा करना,
इनके सपनों को भी आप सच करना,
ज्यादा कुछ नहीं मांगता हूँ आपसे,
बस साथ इनके आप रहना दिल से !

कटती नहीं हैं रातें...


तुम बिन कटती नहीं हैं रातें,
भूलते नहीं हैं तेरी बातें,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें,

कभी हम दोनों जगा करते थे,
खूब सारी बातें किया करते थे,
अब जब होती नहीं है बातें,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें !

कभी हम रोज़ मिला करते थे,
एक दूजे को देख लिया करते थे,
अब जब होती नहीं हैं मुलाकातें,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें !

कभी गुस्सा तुम जो हुआ करते थे,
हम तुमको मन लिया करते थे,
अब जब नहीं हैं हम झगड़ते,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें !

कभी तुम जो परेशान हुआ करते थे,
हम तुमको समझा दिया करते थे,
अब जब होती नहीं हैं बातें,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें !

भूलते नहीं हैं तेरी बातें,
तुम बिन कटती नहीं हैं रातें !

Thursday, May 12, 2011

माँ की याद !



माँ आपकी बहुत याद आती है,
मैं जब भी गिरता था आपका हाथ होता था,
अब जब गिरता हूँ कोई नहीं सम्हालता है,
मैं जब भी परेशान होता था आप समझा देतीं थीं,
अब जब होता हूँ कोई नहीं समझाता है,
मैं जब भी रोता था आपका आँचल होता था,
अब जब रोता हूँ कोई चुप नहीं कराता,
मैं जब भी उदास होता था आपका साथ होता था,
अब जब उदास होता हूँ कोई नहीं हँसाता है,
माँ आपकी बहुत याद आती है !

कुछ तुम कुछ हम...



कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें,
चलो अब ऐसे चुप न रहे,
कुछ तुम बढ़ो, कुछ हम बढे,
चलो अब ऐसे दूर न रहे,
कुछ तुम सहो, कुछ हम सहे,
चलो अब ऐसे अलग न रहे,
कुछ तुम झुको कुछ हम झुकें,
चलो अब ऐसे लड़ते न रहे,
कुछ तुम हंसो कुछ हम हँसे,
चलो अब ऐसे रोते न रहे,
कुछ तुम करो कुछ हम करे,
चलो अब ऐसे उदास न रहे,
कुछ तुम समझो कुछ हम समझे,
चलो अब ऐसे नादान न रहे,
कुछ तुम देखो कुछ हम देखें,
चलो अब ऐसे अनजान न रहे,
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें,
चलो अब ऐसे चुप न रहे !!!

Tuesday, May 10, 2011

थक गया हूँ !

थक गया हूँ सोच सोच के,
थोडा आराम चाहता हूँ,
थक गया हूँ चल चल के,
थोडा रुकना चाहता हूँ,
थक गया हूँ बोल बोल के,
थोडा चुप होना चाहता हूँ,
थक गया हूँ लिख लिख के,
थोडा मिटना चाहता हूँ,
थक गया हूँ ढूंढ ढूंढ के,
थोडा पाना चाहता हूँ,
थक गया हूँ इंतज़ार कर के,
थोडा बढ़ना चाहता हूँ,
थक गया हूँ प्यार पा के,
थोड़ी नफरत चाहता हूँ,
थक गया हूँ जिंदगी से,
थोडा ठहरना चाहता हूँ .

Wednesday, May 4, 2011

मैं और ज़माना !

मेरे उनको देख मुस्कुराना, उनका मुझे देख शर्माना,
सिलसिला ये चलता रहा, ज़माना सारा जलता रहा !

न मेरे उनसे कुछ कहना, न उनका लबों को हिलाना,
बात ऐसे ही होती रही, ज़माने को जलन होती रही !

मेरा उनपे गज़ल बनाना, उनका मुझसे नज़रें चुराना,
शब्दों को वो गिनती रही, दुनिया मायने लगाती रही !

मेरा उनके इन्तेज़ार में बैठना, उनका इन्तेज़ार कराना,
दिल मेरा बैठ रोता रहा, ज़माना सारा मुझपे हँसता रहा !

बदला तो नहीं मेरा प्यार, पर बदल गया उनका यार,
कभी जलता था ज़माना, आज हँसता है वही ज़माना !!!


अब मन नहीं लगता !

बहुत समझा लिए दिल को,
दिल मान भी जाता है,
फिर जिद शुरू कर देता है,
अब कुछ समझाने का भी
मन नहीं करता,

बहुत कोशिश कर ली,
हार नहीं मानता था मैं,
पर अब हारना ही ठीक लगता है,
अब कुछ जीतने का भी,
मन नहीं करता,

बहुत रो लिया है मैं,
कभी नहीं बहाता था आंसू,
पर अब रोना ही ठीक लगता है,
अब तो हँसने का भी,
मन नहीं करता,

बहुत बाँट लिए गम,
कभी सिर्फ ख़ुशी बांटता था,
पर अब चुप रहना ही ठीक लगता है,
अब तो बांटने का भी,
मन नहीं करता,

बहुत सुन लिए भाषड़,
कभी खुद ही दिया करता था,
पर अब तो दूर रहने ही ठीक लगता है,
अब तो सुनने का भी,
मन नहीं करता,

बहुत मांग लिए दुआ,
कभी कुछ भी नहीं मांगते थे,
अब तो न पाना ही ठीक लगता है,
अब तो माँगने का भी,
मन नहीं करता !


बहुत लिख लिए लेख,
कभी अच्छा लिखा करते थे,
अब तो न लिखना ही ठीक लगता है,
अब तो आगे लिखने का भी,
मन नहीं करता !


अब किसी चीज़ में भी मेरा मन नहीं लगता ...

कुछ तुकबन्दियाँ !

रास्ते तो खुद-ब-खुद बन जाते हैं,
जो दिल से अपने कदम बढ़ाते हैं !

लफ़्ज़ों की जरूरत तो उन्हें होती है,
जिनकी आँखें बेजुबान होती हैं !

शुक्रिया कहने को दिल कह रहा है,
अपनों से कहने से कुछ डर रहा है!

जो उन्हें मेरो लफ़्ज़ों पे यकीन न था,
तो काश मेरी आँखों को हो पढ़ लेते !

अलफ़ाज़ खूबसूरत नहीं होते जनाब,
उनसे जुड के सुन्दर हो जाते हैं साब !

उन्हें कहीं कमी ना हो मेरे प्यार की,
ये सोचकर खुद से नफरत कर ली मैंने !

सुना है ऊँचा सोचने वाले ही ऊँचे जाते हैं,
और आगे बढ़ने वाले ही इश्क कर पाते हैं !

ज़माने बदल जाते हैं, लोग बदल जाते हैं,
बदलने को तो यहाँ अब यार बदल जाते है !

गर बुलंद हो हौसले तो क्या ज़मीन क्या आसमान,
ठान लो अगर करना तो क्या कठीन क्या आसान !

चीज़ें तो वहीँ होती हैं, शामें भी रोज होती हैं,
कुछ खास होती हैं वो, जिनमे उनकी बात होती हैं !

न जाने क्यूँ लोग शायर कहते हैं, हम तो इश्क लिखते हैं,
न जाने क्यूँ लोग पागल कहते हैं, हम तो इश्क करते हैं !!!

अपनों का कुछ चुराया नहीं जाता, हाँ उनपे तो हक जमाया जाता है,
दिल चुराने के बाद अपना बनाया नहीं जाता, बस अपनाया जाता है !

मैं कोशिश तो बहुत करता हूँ लिखने कि, दिल इज़ाज़त नहीं देता,
शायद डरता है मेरी लेखनी से, ये दिल खुद ही सब है लिख देता !!!

साब इश्क करके मज़ा तब आता है, जब लोग पूछते हैं की सच्चा है?
और इश्क लिखके मज़ा तब आता है, जब लोग पूछते हैं तुमने लिखा है?

फूल और दोस्त !

ऐ दोस्त,
तेरा मन फूल सा कोमल,
तेरी मुस्कान फूल सी मोहक,
तेरा एहसास फूल सा सुंगंधित,
तेरी बातें फूल सी रंगीन,
तेरा चेहरा फूल सा खिला,
तेरी आँखें फूल सी सुन्दर,
तेरा दिल फूल सा शांत,
तेरी दोस्ती फूल सी खूबसूरत,
तेरे होने से मेरी जिंदगी,
खूबसूरत फूलों के चमन से खिली है !

याद आती है !

वैधानिक चेतावनी:
इस कविता में कुछ दर्द भरे शब्द हो सकते हैं,
जो आपकी आँखों को नम कर सकते हैं,
इसे पढ़ कर आप यादों में खो सकते हैं,
दिल के मजबूत हों तो आगे पढ़ सकते हैं !



शीर्षक: याद आती है !
बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
कहीं भी जाते हैं, तुम्हारी याद आती है,
बीते पलों को याद करके, आँखें भीग जाती हैं,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
किसी को भी देखते हैं, तुम्हारी याद आती है,
कुछ बात करते हैं, पुरानी बात याद आती है,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
कुछ भी करते हैं, तुम्हारी याद आती है
तुम्हारे काम करने के अंदाज़ की याद दिलाती हैं,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
कुछ भी खाते हैं, तुम्हारी याद आती है,
तुम्हारे साथ खाए चीज़ों का स्वाद दिलाती हैं,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
कहीं घूमने जाते हैं, तुम्हारी याद आती है,
साथ देखे दृश्यों का आँखें दृश्य दिखाती हैं,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
कभी बैठ सोचते हैं, तुम्हारी याद आती है,
तुम्हारे साथ के एहसास से दिल को रुलाती है,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
हर सुबह शाम आती है, तुम्हारी याद आती है,
हर पल आती है, हर सांस के साथ आती है,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
सच में आती है, हवा के स्पर्श से आती है,
कभी दिल को बहलाती है, कभी मुझे रुलाती है,

बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
ये यादें बहुत सताती है, जीना भी सीखाती हैं,
जितना आगे बढ़ता हूँ, उतना पीछे ले जाती हैं !
बहुत याद आती है, बहुत याद आती है,
तुम्हारी याद आती है, बहुत याद आती है !
बहुत याद आती है....

Sunday, May 1, 2011

एगो भोजपुरी ग़ज़ल पेश करत बाटीं !

कईलीं बाटी जबसे पियार हम,
करेजवा हमार गुलजार हो गईल!

टूटल जो दिलवा हमार एक दायीं,
हमहू के दिलवा बीमार हो गईल!

हंसत बांटे देख के ज़माना वारा हमके,
ई देख हमारो रंग लाल हो गईल!

पता चलल बा जब से मोहल्ले के,
उहे दिन से हम फरार हो गईल !!!


इतना पढ़ी के कमेन्ट करऽ,
मन करी तो आगे लिखल जाईल !

:)

हम कुछ करते ही नहीं !

जिनकी ख़ामोशी ही सब कह देती है,
वो कहते कि हम कुछ कहते ही नहीं !

जिनकी अदा ही चीर के रख देती है,
वो कहते कि हम उनपे मरते ही नहीं !

जिनकी आँखें ही सब बयां कर देती हैं,
वो कहते कि हम कुछ पूछते ही नहीं !

जिनकी रुसवाई ही हमें मार देती है,
वो कहते कि हम मिला करते ही नहीं !

जिनकी मुहब्बत ही जिन्दा रखती है,
वो कहते कि हम प्यार करते ही नहीं !

जिनकी याद में हम रोया करते हैं,
वो कहते कि हम इंसान ही नहीं !

वाह! क्या अंदाज़-इ-मुहब्बत है उनकी,
न मिलते हैं, न जुदा ही करते हैं मुझे !!!

वो कॉफी का कप

उनका वो कॉफी के लिए जिद करना,
उनका वो कॉफी पहले मुझे ही पिलाना,
उनका वो कॉफी की पहली चुस्की लेना,
वो चुस्की की मीठी सी आवाज़ निकालना,
उनका वो कॉफी पीने कि अदा दिखाना,
उनका वो हमे काफी पीना सीखाना,
उनके वो कप छूते होठों को देखना,
उनके वो कप पकड़े हाथों को देखना,
उनका वो दो घूँट कॉफी के लिए झगडना,
अपनी कॉफी का दो घूँट मेरे लिए छोडना,
उनका वो खाली कप हाथ में पकडे रहना,
मेरा उस कॉफी कप की किस्मत से जलना,
उनका वो मेरे चिढे चेहरे को देख मुस्कुराना,
और कप को छोड़ मेरे हाथ को थामना,
उनकी वो कॉफी और उनका वो अंदाज़,
बहुत याद आता है, बहुत याद आता है,
वो दृश्य आँखों के सामने आके रुला जाता है,
वो समय बहुत याद आता है, याद आता है !!!



Thanks to Nidhi Tondon Ji for the inspiration !