Sunday, May 1, 2011

वो कॉफी का कप

उनका वो कॉफी के लिए जिद करना,
उनका वो कॉफी पहले मुझे ही पिलाना,
उनका वो कॉफी की पहली चुस्की लेना,
वो चुस्की की मीठी सी आवाज़ निकालना,
उनका वो कॉफी पीने कि अदा दिखाना,
उनका वो हमे काफी पीना सीखाना,
उनके वो कप छूते होठों को देखना,
उनके वो कप पकड़े हाथों को देखना,
उनका वो दो घूँट कॉफी के लिए झगडना,
अपनी कॉफी का दो घूँट मेरे लिए छोडना,
उनका वो खाली कप हाथ में पकडे रहना,
मेरा उस कॉफी कप की किस्मत से जलना,
उनका वो मेरे चिढे चेहरे को देख मुस्कुराना,
और कप को छोड़ मेरे हाथ को थामना,
उनकी वो कॉफी और उनका वो अंदाज़,
बहुत याद आता है, बहुत याद आता है,
वो दृश्य आँखों के सामने आके रुला जाता है,
वो समय बहुत याद आता है, याद आता है !!!



Thanks to Nidhi Tondon Ji for the inspiration !

2 comments:

  1. बहुत सुंदर आदित्य....अदभुत अभिव्यक्ति है.. बहुत उम्दा लिख रहे हो.. मेरी सारी शुभकामनाये तुम्हारे साथ है...

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  2. @Amit Harsh Ji:
    प्रणाम !
    सच कहता हूँ ये सब आपके ही आशीर्वाद का परिणाम है.. सब आपकी ही कृपा और साथ से है..
    और आपके इसी साथ, आशीर्वाद और शुभकामनाओं में कुछ और अच्छा भी लिख पाऊंगा...
    प्रयास जारी है !
    -आपका अनुज, आपका शिष्य !

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