Sunday, May 1, 2011

हम कुछ करते ही नहीं !

जिनकी ख़ामोशी ही सब कह देती है,
वो कहते कि हम कुछ कहते ही नहीं !

जिनकी अदा ही चीर के रख देती है,
वो कहते कि हम उनपे मरते ही नहीं !

जिनकी आँखें ही सब बयां कर देती हैं,
वो कहते कि हम कुछ पूछते ही नहीं !

जिनकी रुसवाई ही हमें मार देती है,
वो कहते कि हम मिला करते ही नहीं !

जिनकी मुहब्बत ही जिन्दा रखती है,
वो कहते कि हम प्यार करते ही नहीं !

जिनकी याद में हम रोया करते हैं,
वो कहते कि हम इंसान ही नहीं !

वाह! क्या अंदाज़-इ-मुहब्बत है उनकी,
न मिलते हैं, न जुदा ही करते हैं मुझे !!!

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