Sunday, December 2, 2012

छोटी छोटी बातें...

तमन्नायें तो यूँ बहुत करते हैं हम,
हर तमन्ना तुझसे ही जुड़ी है मगर...

गर होता दुआओं में मेरी इतना असर,
मिल गयी होती मोहब्बत या भूल ही जाता मैं...

हाय, फिर लगा की दिल धड़का,
फिर लगा की आँखों में ख्वाब बचे हैं,
फिर लगा की जिन्दा हूँ मैं,
आज फिर तेरी याद आयी...

क्यूँ सरक नहीं जाती वो एक बूँद आँखों से,
दिल के दर्द और चेहरे की मुस्कान में फंसी है जो...
-अनुराग

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