Sunday, July 24, 2011

दोस्ती और मोहब्बत


उसकी दोस्ती ने मेरी मोहब्बत को हरा दिया,
दोस्ती सबसे बढ़कर है ये परचम लहरा दिया !

अपनी अदाओं पे तुमने हमको खूब चरा दिया,
सोया जो चैन से तेरे सपनों ने मुझे डरा दिया !

जिंदगी का तोहफा भी तुमने दर्द से भरा दिया,
मेरे गुनाहों के बदले तुमने दर्द बहुत ज़रा दिया !

जिंदगी ने मेरे कर्मों का फल खूब खरा दिया,
पागल था दिल अच्छा किया जो ठुकरा दिया !

2 comments:

  1. हमनवा से दोस्ती दुश्मनी में बदल गयी |
    तेरी मोहब्बत प्यार से बेवफाई में बदल गयी |

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  2. @Pappu Parihar Ji, waaah kya baat hai...

    कुछ तो मजबूरी होगी सनम की भी,
    यूँ ही बेवफा न हुए होंगे !
    कुछ तो गलती होगी मेरे भी,
    यूँ ही वो खफा न हुए होंगे !

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