कईलीं बाटी जबसे पियार हम,
करेजवा हमार गुलजार हो गईल!
टूटल जो दिलवा हमार एक दायीं,
हमहू के दिलवा बीमार हो गईल!
हंसत बांटे देख के ज़माना वारा हमके,
ई देख हमारो रंग लाल हो गईल!
पता चलल बा जब से मोहल्ले के,
उहे दिन से हम फरार हो गईल !!!
करेजवा हमार गुलजार हो गईल!
टूटल जो दिलवा हमार एक दायीं,
हमहू के दिलवा बीमार हो गईल!
हंसत बांटे देख के ज़माना वारा हमके,
ई देख हमारो रंग लाल हो गईल!
पता चलल बा जब से मोहल्ले के,
उहे दिन से हम फरार हो गईल !!!
इतना पढ़ी के कमेन्ट करऽ,
मन करी तो आगे लिखल जाईल !
मन करी तो आगे लिखल जाईल !
:)
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