There is no coPyright on this Blog, But i hoPe and exPect you just use it cause you too feel the same way I feel or better say my heart feels. Please avoid misuse... Nothing has been Posted or said here to hurt any individuals sentiment. I am sorry if any of my Post makes you feel bad.
Tuesday, July 19, 2011
न जाने क्यूँ !
मैं भी कभी खुल के जीना चाहता था,
साथ सबके हंसने की चाह रखता था,
खुश करने की सबको कोशिश करता था,
दिल से सबसे मैं हरदम मिला करता था,
झूठ कहने से मैं बचा करता था,
सच कहने से न कभी डरता था,
कुछ सपने मैं भी देखा करता था,
कुछ करने की तमन्ना रखता था,
न जाने कहाँ खो गया है सब,
न जाने क्यूँ बदल गया मैं अब !
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