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प्रिये! कह दो अपनी इन हसीं खूबसूरत यादों से,
एक रात तो मुझे तनहा छोड़ दें सोने के लिए !
या आ जायें, बैठ चुप-चाप देखें तमाशा दूर से,
ये दिल अब-भी मजबूत है, दर्द ढोने के लिए !
आवाज़ होती है, न धड़काएं दिल को जोर से,
बड़ी ख़ामोशी चाहिए सुकून से रोने के लिए !
जो नहीं हो मंज़ूर तुम्हें ये भी तो, कह दो इनसे,
बन जाएँ पानी मेरी आँखों को धोने के लिए !